शायद ही कभी उसने वास्तव में जानवरों का सम्मान किया होशायद ही कभी उसने वास्तव में जानवरों का सम्मान किया हो
मजाकिया तंत्र हमें व्यंग्य से सूंघ रहा है, आप तुरंत देख सकते हैं-पकड़, आंख गुस्से में उभरी हुई और मुंह एक गर्त के साथ खुल गयामजाकिया तंत्र हमें व्यंग्य से सूंघ रहा है, आप तुरंत देख सकते हैं-पकड़, आंख गुस्से में उभरी हुई और मुंह एक गर्त के साथ खुल गया