मजाकिया तंत्र हमें व्यंग्य से सूंघ रहा है, आप तुरंत देख सकते हैं-पकड़, आंख गुस्से में उभरी हुई और मुंह एक गर्त के साथ खुल गयामजाकिया तंत्र हमें व्यंग्य से सूंघ रहा है, आप तुरंत देख सकते हैं-पकड़, आंख गुस्से में उभरी हुई और मुंह एक गर्त के साथ खुल गया